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APJ Abdul Kalam: मिसाइल मैन से भारत के राष्ट्रपति तक 💫💡
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का नाम आते ही हमारे दिमाग में एक ऐसे व्यक्ति की छवि बनती है जिसने अपनी सादगी, ईमानदारी और संघर्ष के दम पर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। उन्हें “भारत रत्न”, “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” और “जनता के राष्ट्रपति” जैसे नामों से जाना जाता है। उनका पूरा जीवन हमें यह सिखाता है कि बड़ी सफलता पाने के लिए अमीरी नहीं, बल्कि मेहनत, लगन और सपनों को पूरा करने का जुनून चाहिए।
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बचपन और संघर्ष:
APJ Abdul Kalam का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ। उनके पिता नाव चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते थे। बचपन से ही कलाम ने गरीबी देखी और पैसों की कमी के कारण उन्हें छोटी उम्र से अखबार बेचने का काम करना पड़ा।
लेकिन कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई कभी नहीं छोड़ी। वे कहते थे –
“कठिनाइयाँ जीवन को और भी मजबूत बनाती हैं। बिना संघर्ष के जीवन अधूरा है।”
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शिक्षा और वैज्ञानिक यात्रा:
डॉ. कलाम ने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने DRDO और ISRO में काम किया। भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV) और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट में उनका योगदान ऐतिहासिक रहा। इसी वजह से उन्हें “मिसाइल मैन” कहा गया।
उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने भारत को वैज्ञानिक दुनिया में नई पहचान दिलाई।
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राष्ट्रपति बनना और लोगों से जुड़ाव:
2002 में वे भारत के राष्ट्रपति बने। उनका कार्यकाल भले ही राजनीतिक रूप से बहुत बड़ा न माना जाए, लेकिन जनता के दिलों में वे आज भी “People’s President” के रूप में बसे हुए हैं। उन्होंने बच्चों और युवाओं के बीच जाकर हमेशा यही संदेश दिया कि सपनों को बड़ा रखो और उन्हें सच करने के लिए लगातार मेहनत करो।
वे कहते थे –
“सपना वह नहीं जो आप नींद में देखते हैं, सपना वह है जो आपको सोने न दे।”
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उनकी सोच और प्रेरणादायक विचार:
APJ Abdul Kalam सिर्फ वैज्ञानिक या राष्ट्रपति ही नहीं थे, बल्कि एक ऐसे शिक्षक भी थे जिन्होंने पूरी जिंदगी युवाओं को प्रेरित किया। उनके कुछ अनमोल विचार आज भी लाखों लोगों को motivate करते हैं:
1. “अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना होगा।”
2. “महान सपने देखने वालों के सपने ही हमेशा पूरे होते हैं।”
3. “आपका भविष्य आपके आज की मेहनत पर निर्भर करता है।”
4. “हार मत मानो, कठिनाइयाँ इंसान को मजबूत बनाती हैं।”
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प्रेरणादायक कहानी: असफलता से सफलता तक
कलाम साहब का जीवन हमें यह भी सिखाता है कि असफलता सफलता की सीढ़ी होती है। जब उन्होंने ISRO में पहले Satellite Launch Vehicle (SLV-3) को लॉन्च किया, तो वह पूरी तरह असफल हो गया। पूरी टीम निराश थी, लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी खुद ली और कहा –
“यह मेरी गलती है।”
कुछ साल बाद, जब अगला लॉन्च सफल हुआ, तो उन्होंने कहा –
“यह मेरी टीम की मेहनत है।”
उनका यह स्वभाव हमें सिखाता है कि सफलता में टीम को आगे रखो और असफलता आने पर जिम्मेदारी खुद लो। यही एक सच्चे लीडर की पहचान है।
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निष्कर्ष
APJ Abdul Kalam की कहानी यह साबित करती है कि सपनों को पूरा करने के लिए गरीबी, संसाधनों की कमी या कठिनाइयाँ कोई मायने नहीं रखतीं। असली मायने रखती है मेहनत, ईमानदारी और सीखने का जज्बा।
यदि हम भी उनके विचारों को जीवन में अपनाएँ, तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं रहेगा।
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