मंदसौर की रुचि जाट बनीं डिप्टी कलेक्टर — छोटे गाँव से बड़ी कामयाबी
मंदसौर जिले के छोटे से गाँव पीपलखूंटा की रहने वाली रुचि जाट ने अपनी लगन और मेहनत से साबित कर दिया कि सही दिशा और लगातार प्रयास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। MPPSC 2024 परीक्षा में रुचि ने 6वीं रैंक प्राप्त कर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित होकर पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गईं।
रुचि की पढ़ाई पूरी तरह से सरकारी संस्थानों से हुई — उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गाँव के सरकारी स्कूल से की और स्नातक की डिग्री मंदसौर के राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से पूरी की। छोटे गाँव और सीमित संसाधनों के बावजूद रुचि ने छह साल तक MPPSC की तैयारी की और पांचवें प्रयास में यह सफलता प्राप्त की।
रुचि के पिता मोहनलाल जाट किसान हैं और माता यशोदा बाई गृहिणी। परिवार का समर्थन और रुचि की मेहनत ने उनकी तैयारी को निरंतर और गहन बनाया। असफलताओं से सीखकर उन्होंने हर बार बेहतर प्रयास किया।
रुचि का संदेश स्पष्ट है — "निरंतर प्रयास रखें, लक्ष्य पर ध्यान दें और चुनौतियों से मत डरें।" उनका यह सफर यह दर्शाता है कि संसाधन कम होने पर भी जज्बा और स्मार्ट वर्क से बड़ी मंजिलें पाई जा सकती हैं।
युवाओं के लिए सीख
- लक्ष्य तय करें और छोटे-छोटे कदम बढ़ाएं।
- निरंतरता और अनुशासन सफलता की नींव हैं।
- परिवार और समुदाय का समर्थन मूल्यवान होता है।
- असफलताएँ सीख का हिस्सा हैं।
रुचि जाट की सफलता पूरे मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरक उदाहरण है। सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने के बावजूद कोई शीर्ष पद पर पहुँच सकता है।
अंतिम शब्द
रुचि की कहानी यह दर्शाती है कि संघर्ष और लगन से हर सपना पूरा हो सकता है। उनकी यह सफलता किसानों के परिवार, सरकारी स्कूल के छात्रों और उन सभी के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।
लेख: अनिल — anilkiduniya.in
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